Tuesday 14 June 2011

Ek Suhani raat...

ये रत की शांति कुछ कह जाती है...
अपने ठन्डे ठन्डे झोको से, मंत्र मुग्धा कर जाती है...

पेड़ो की आवाज़ जैसे कह रही हो झुमने दो अज मुझे...
लहराने दो अब इस हवा के साथ मुझे...

कीड़ो की आवाज़ जैसे कोई राग है सुनती, 
बिना सुर-ताल और लय के एक नया अंदाज़ है बनती...

चाँद कहीं छुपा बैठा है बदलो में, 
हलकी सी चांदनी दिए रोनक ला रहा है इस दुनिया में...

ठंडक और शीतल झोके उठ रहे है अज, 
बिना किसी मोह के सुकून दे रहे है अज...

चौकीदार बजा रहा है सिटी, 
हाथ में लिए है लाठी, लेकिन सोते सोते करता है चौकीदारी... 

 आज रात है अँधेर,
पर लगती है सुहानी,
बिजली का पता नहीं,
ना ही पता है समय का, 
यू ही बीत जाये ये रात,
नहीं है चिंता कल की सुबह का...


बूंदों की आवाज़ दी मुझे सुनाई, 
अज रत बरसेगा पानी और कड़के की बिजली 
गरजेंगे बदल, तृप्त होजाएगी ये धरती...
कल होगी एक नई सुबह और हर जगह होगी हरियाली...

Friday 10 June 2011

Eh Dost...

क्या कहू अज तुझसे ऐ मेरी दोस्त,
लगती है शब्दों की कमी मुझे,
पर विषय है यह बड़ा ही अनमोल...

करना है शुक्रिया तेरा,
जो ये दोस्ती का हाथ बढाया,
दिया साथ मेरा सुख दुःख में,
और हमेशा दोस्ती को निभाया...

लड़ाई की हमने कई बार,
और आसुयो से भीगा भी दिया...
कभी फूल तोह कभी काटो का ताज पहना दिया...

कटे हमने कई पल साथ,
कुछ थे दुःख भरे और कुछ में पाई खुशिया हज़ार...
पर ये दोस्ती रही कायम हर बार...

अज भले ही जा रहे है हम अपनी मंजिल पाने,
स्थापित करने एक नया कीर्तिमान, 
हासिल करने अपने सपनो का ये जहां...

मिलेंगे फिर इस ज़िन्दगी के सफ़र में कहीं,
 याद रखेंगे ऐ मुसाफिर तुझे हम,
न भूलेंगे तुझे और तेरी  बातें को इस ज़िन्दगी क सफ़र में कभी हम...

Wednesday 8 June 2011

Tanhaii...

ये आया कैसा मोड़ है ज़िन्दगी में मेरी,
जो तन्हाई की सौगात लाया है...
न जाने कहा से,
एक कला अँधेरा छाया है...

लड़ रहा है दिया इस अंधी से कहीं,
ख़तम हो रही है इसकी सासिएँ ऐसे ही...
 
अज में कुछ कहना नहीं चाहता,
अज में कुछ सुनना नहीं चाहता...
अज में किसी से लड़ना भी नहीं चाहता..
बस चाहता हु की कोई समजले मुझे,
अज कोई अपने आझोश में ले ले मुझे...

इस दिल से डर को दूर भगा जाये कोई,
ख़ुशी न दे सही, बस मेरे हालत को समाज ले कोई...
ये तन्हाई अज मुझे कटती है,
सबसे दूर ले जाती है...

अज कोई पास नज़र नहीं अत,
तन्हाई में डूबा हुआ हु, आज मुझे कुछ रास नहीं अत...

Friday 3 June 2011

Teri Yaad...

तन्हाई इस दिल में जगह बना रही है,
बिन तुम्हारे ये दुनिया हमे नहीं भा रही है,
इंतज़ार में है तुम्हारे खड़े यहाँ,
बस कहूँगा इतना मुझे याद तुम्हारी आ रही है...

जी रहे है बस लिए अपनी सासें,
कब आयेगा वो वक़्त जब होगा आपका दीदार...
मिलूँगा आपसे और समेट लूँगा मैं अपनी जान...

अब आ भी जा हीरिये, तेरी याद सताती है,
तेरी याद में अपना सुख चैन सब गवा बैठा हु...

दीखना चाहता हु तुझे, इन आँखों में समेटना चाहता हु तुझे,
अगर कुछ न भी मिले, बस पाना चाहता हु तुझे...
अब इस दिल को सुकून तभी मिलेग जब पास तेरे आ पाउँगा में,
इंतज़ार है उस घडी का जब तुमसे मिलूँगा में... 

तुम्हारी उन आँखों में दूब जाना चाहता हु,
बस तुम्हे अपना जीवन साथी बनाना चाहता हु...
प्यार है तुमसे, नहीं जानता कितना,
जीना है बस  तुम्हारे संग मुझे अब हमेशा हमेशा...